1718 villages of Punjab will soon get clean and pure water supply

पंजाब के 1718 गाँवों को जल्द मिलेगी साफ़ और शुद्ध पानी की सप्लाई: जिम्पा 

 1718 villages of Punjab will soon get clean and pure water supply

1718 villages of Punjab will soon get clean and pure water supply

 1718 villages of Punjab will soon get clean and pure water supply- चंडीगढ़I जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा ने विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ अपने दफ़्तर में एक समीक्षा बैठक की। उन्होंने आदेश दिए कि गाँवों में साफ़ और शुद्ध पानी की सप्लाई के लिए जितने भी प्रोजैक्ट चल रहे हैं उनको समय पर पूरा किया जाये। जिम्पा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार राज्य को ‘रंगला पंजाब’ बनाने के लिए यत्नशील है और इस मकसद के लिए गाँवों को सभी सुविधाएं पहल के आधार पर दी जाएँ।  

पंजाब के अलग-अलग इलाकों में इस समय 15 सर्फेस वॉटर प्रोजैक्ट चल रहे हैं जिनके मुकम्मल होने से 1718 गाँवों को शुद्ध पानी की सप्लाई मुहैया हो जायेगी। जिम्पा ने बताया कि इन गाँवों का भूजल पीने योग्य नहीं है और कुछ गाँव कंडी क्षेत्र में भी आते हैं। इसलिए इन गाँवों में नहरी पानी का शुद्धीकरण करके ट्रीटमेंट प्लांट से पानी की सप्लाई दी जायेगी।  

जिम्पा ने बताया कि इन 15 प्रोजेक्टों में से जि़ला पटियाला और फतेहगढ़ साहिब में 3 प्रोजैक्ट मंडोली पाबरा, भवरा और नानोवाल का काम चल रहा है। इन प्रोजेक्टों की कुल लागत 318 करोड़ रुपए है और इन प्रोजेक्टों के द्वारा 408 गाँवों को शुद्ध पानी की सप्लाई दी जायेगी। यह प्रोजैक्ट फरवरी 2024 तक मुकम्मल होने की संभावना है।  

इसी तरह आनंदपुर साहिब में 1 प्रजोकैट का काम प्रगति अधीन है, जिसमें 38.98 करोड़ रुपए की लागत से 67 गाँवों को शुद्ध पानी मिलेगा। जिम्पा ने जि़ला फाजिल्का के अधीन 2 और जि़ला फिऱोज़पुर के अधीन 1 प्रोजैक्ट के कार्यों की प्रगति का भी जायज़ा लिया। इनमें 554.25 करोड़ रुपए की लागत से 436 गाँवों को शुद्ध पानी की सप्लाई दी जानी है।  

इसके अलावा जि़ला अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर और होशियारपुर के अधीन चल रहे 8 सर्फेस वॉटर प्रोजैक्टों के कार्यों की समीक्षा की गई। जिम्पा ने इन प्रोजेक्टों को समय पर पूरा करवाने के आदेश दिए।  

जल आपूर्ति मंत्री ने इन प्रोजेक्टों के लिए अलग-अलग विभागों से एन.ओ.सी. से सम्बन्धित मामलों की भी समीक्षा की। मीटिंग में जे.जे. गोयल, मुख्य इंजीनियर ( पी.डी.क्यू.ए), आर.के. खोसला, मुख्य इंजीनियर (सैंट्रल), जे.एस. चहल, मुख्य इंजीनियर (दक्षिण) और जसबीर सिंह मुख्य इंजीनियर (उत्तर) और विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।